Wednesday, 10 February 2016

जीवन की ३ छलनी - (Lifes three Filter)

सॉक्रेटीस एक महान ग्रीक तत्त्वज्ञानी था। 
एक दिन उसके पास एक व्यक्ति आकर उसे कहने लगा "आप के मित्र के बारे में मैंने अभी कुछ सुना है? आप को पता है क्या?"

जीवन  की  ३ छलनी


सॉक्रेटीसने उसे रोका और कहा "कोई भी कहानी सुनने के पहले में उसे अपने ३ छलनी से छान था हु। फिर उसे सुनता हूँ। 

तीन  छलनी  क्या हैं ?

यह देखो मेरी पहली छलनी:- जानकारी की  सत्यता 

आप जो मुझे कहने वाले हैं वोह आप  ने खुद देखा हैं क्या ?

नहीं ,मैंने सुना  हैं।  वह व्यक्ति बोला। 

ठीक हैं ,सॉक्रेटीस ने कहा। 
अब मेरी दूसरी छलनी:- जो आप कहने वाले हैं वोह मेरे मित्र के बारे अच्छा हैं  या बुरा ?
सच में वह अच्छा नहीं हैं,बुरा हैं आपके मित्र के बारे में।  वह व्यक्ति बोला। 
इसका मतलब आप मुझे जो बताने वाले हैं वह मेरे मित्र के बारे में बुरा हैं,लेकिन उसकी सत्यता आप को पता नहीं। सॉक्रेटीस ने कहा।

तीसरी छलनी: उपयुक्ता 
आप जो मुझे कहने वाले हो यह मेरे फायदे का हैं क्या ?

सच में तो नहीं हैं।  वह व्यक्ति बोला। 
यह देखो सॉक्रेटीस बोला"जो आप कहनेवाले हैं(कहानी) मेरे फायदेकी नहीं हैं। मेरे मित्र के बारे अच्छी नहीं है। और जो सच हैं या झूठ पता नहीं। ऐसी कहानी सुनकर में क्या करु। 

इसलिये  आप मुझे बिलकुल मत बताना और सॉक्रेटीस अपने काम पर लगा।
किसी के बारे में सुनने के पहले यह तीन छलनी का अवश्य उपयोग करे। आप का बहुमोल समय बच जायेगा और मित्र के बारे में आपका गलतफ़हमी नहीं  होगी।