Monday, 22 February 2016

खूबसूरत ... (Beautiful)

सम्राट चंद्रगुप्त ने एक बार चाणक्यसे कहा,"चाणक्य,काश तुम खूबसूरत होते ?"

खूबसूरत


चाणक्य ने कहा "राजन, इंसान के पहचान उसके गुणों से होती है,रूप से नहीं। 
 
तब चंद्रगुप्त ने कहा "क्या कोई ऐसा उदाहरण दे सकते हो जहा गुण के सामने रूप छोटा रह गया हो ?

तब चाणक्य ने राजा को दो गिलास पानी पीने को  दिया। फिर चाणक्य  ने कहा 'पहले गिलास का पानी सोने के घड़े का था  और दूसरे गिलास का पानी मिटटी के घड़े का, आप को कोन सा पानी अच्छा लगा। चंद्रगुप्त ने कहा"मटकी से  भरे गिलास का।

तब चाणक्य ने कहा "वोह सोने का घड़ा किस काम का जो प्यास न बूज़ा सके। 
मटकी भले ही कितनी कुरूप हो, लेकिन प्यास मटकी की पानी से ही बुज जा थी है। 

यानी रूप नहीं गुण महान होते है। 

रूप तो आज हैं,कल  नहीं लेकिन गुण जब तक जीवन हैं तब तक जिंदा रहते है और मरने के बाद  भी जीवित रहते है ।