Monday, 2 November 2015

संगत का परिणाम

 संगत का परिणाम क्या होता हैं ,उसका अच्छा  उदाहरण आचार्य विनोबा जी ने दिया। 

 वह  कहते है की आकाश से गिरनेवाली  एक बारिश की बूँद हाथपर आती है तो पीने योग्य होती है। 

वही अगर गन्दी नाले में गिर जाये तो ,वह पैर धोने लायक भी नहीं रहती। 

वही अगर गरम तवे  पर गिर जाये तो ,उसका अस्तित्व ही खत्म हो जाता हैं। वह नष्ट हो जाता हैं। 


वही अगर कमल के पत्ते पर गिर जाये तो,वह मोती जैसा चमकता हैं। 

और वह शंख में गिर जाये तो,वह मोती बन जाता हैं। 

बूँद
वही लेकिन किसके सहवास में आयेगा वही उसका अस्तित्व,सम्मान  निर्भर होता हैं। 

इसीलिये अच्छे लोगों का सहवास(संगत) में रहो। 



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